जब इंसान के पास सब कुछ हो, फिर भी कुछ अधूरा रह जाए, तब वो अधूरापन अक्सर ईश्वर की तरफ मोड़ देता है। ऐसा ही कुछ भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली के साथ भी हुआ। उनके पास नाम, शोहरत, दौलत, और रिकार्ड्स की कोई कमी नहीं थी। पर एक ख्वाहिश अधूरी थी — IPL ट्रॉफी। और जब वह भी पूरी हुई, तो हर किसी की नजरें एक नाम की ओर गईं — premanand ji maharaj ashram।
कठिन समय में ईश्वर की शरण
जब विराट कोहली का करियर कठिन दौर से गुजर रहा था, फॉर्म साथ नहीं दे रही थी और आलोचक चारों तरफ से हमला कर रहे थे, तब उन्होंने एक नई राह चुनी — भक्ति और आस्था की राह। उन्होंने प्रेमानंद जी महाराज के दरबार में जाना शुरू किया। कई महीनों से वे लगातार premanand ji maharaj ashram पहुंचते रहे, जहां उन्होंने मौन साधना की, ध्यान किया और आशीर्वाद लिया।

प्रेमानंद महाराज जी से विराट की वह मुलाकात और सलाह आज सभी को याद आ रही है।
— समीर .🌼 (@sameer_thepoet) June 3, 2025
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जब विराट झुके, तब ईश्वर ने उन्हें उठाया
“जिस विराट के पास सब कुछ था, वो भी झुका प्रेमानंद महाराज के दरबार में।” ये पंक्ति सिर्फ एक कथन नहीं, बल्कि एक सच्चाई है। विराट कोहली ने दिखाया कि जब इंसान अपने अहंकार को छोड़कर श्रद्धा के साथ झुकता है, तब ईश्वर उसे ऊंचाइयों तक पहुंचाता है। IPL ट्रॉफी सिर्फ एक जीत नहीं है, ये उस विश्वास का परिणाम है जो विराट ने अपने गुरु और ईश्वर पर रखा।
अनुष्का: विराट की परछाई
इस सफर में एक और नाम है जो हमेशा विराट के साथ खड़ा रहा — अनुष्का शर्मा। जब पूरी दुनिया ने विराट का मजाक उड़ाया, तब अनुष्का ने उन्हें हिम्मत दी। कैमरे की नजरों से दूर, पर दिल के बेहद करीब — इस जीत में विराट की मेहनत के साथ-साथ अनुष्का की आस्था भी शामिल है। वह सिर्फ एक पत्नी नहीं, बल्कि एक साथी हैं जिन्होंने हर उतार-चढ़ाव में विराट का साथ निभाया।
आस्था और भक्ति का परिणाम
आज विराट कोहली का सबसे शानदार समय चल रहा है। जो मंजिलें अधूरी थीं, वो पूरी हो चुकी हैं। RCB को ट्रॉफी मिलना, एक ऐसा सपना था जो सालों से अधूरा था। लेकिन जब विराट ने अपने सपनों को गुरु चरणों में समर्पित कर दिया, तब ईश्वर ने उनका साथ दिया।
“भक्ति कभी खाली नहीं जाती। ईश्वर पर भरोसा हो, तो अधूरी मंज़िलें भी पूरी हो जाती हैं।”
प्रेमानंद जी महाराज ने विराट को न केवल आध्यात्मिक संबल दिया, बल्कि उन्हें जीवन के मायनों को भी समझाया। यही वजह है कि आज विराट कोहली की जीत सिर्फ एक खिलाड़ी की जीत नहीं, बल्कि एक भक्त की विजय है।
विराट की मौन साधना और विश्वास
जब सबने कहा “अब नहीं होगा,” विराट ने कुछ नहीं कहा। उन्होंने मौन साध लिया, और खुद को ईश्वर के चरणों में समर्पित कर दिया। वो मैदान पर डटे रहे, लेकिन जब मैदान से बाहर गए, तो premanand ji maharaj ashram में जाकर धैर्य और भक्ति का सहारा लिया। और आज… वही विराट, जो एक समय खुद को टूटा हुआ महसूस कर रहे थे, अब इतिहास बना चुके हैं।
“जब विश्वास ने पंख लगाए, तो सपना आकाश छूने लगा!”
ईश्वर का वरदान
विराट की इस जीत को खुद ईश्वर का वरदान कहा जा रहा है:
“मेरे भक्त के संकल्प को देखो!
जिसने श्रद्धा से गुरु चरण छुए,
उसके खाली हाथों को मैंने सितारों का ताज पहनाया!” 👑🌠
इस पंक्ति में विराट की संपूर्ण यात्रा छिपी है। भक्ति, श्रद्धा और गुरु के प्रति समर्पण ने उन्हें वहां पहुंचाया जहां हर क्रिकेटर पहुंचना चाहता है — इतिहास के पन्नों में अमर होने की जगह।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. प्रेमानंद जी महाराज कौन हैं?
प्रेमानंद जी महाराज एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु हैं, जो अपने भक्तों को भक्ति, ध्यान और आत्मिक ज्ञान की राह दिखाते हैं। उनका आश्रम हजारों श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक केंद्र है।
2. विराट कोहली कितनी बार प्रेमानंद जी महाराज के दरबार में गए हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विराट कोहली पिछले कई महीनों से प्रेमानंद जी महाराज के दरबार में नियमित रूप से जा रहे हैं।
3. क्या विराट की जीत में उनकी आस्था का योगदान है?
जी हां, विराट कोहली ने स्वयं स्वीकार किया है कि उनकी भक्ति और गुरु के आशीर्वाद ने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाया और जीत की ओर प्रेरित किया।
4. premanand ji maharaj ashram कहाँ स्थित है?
प्रेमानंद जी महाराज का आश्रम भारत के कई भागों में फैला है, लेकिन मुख्य आश्रम उत्तर भारत में स्थित है, जहां प्रतिदिन हज़ारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
5. क्या आम लोग भी premanand ji maharaj ashram जा सकते हैं?
हां, आश्रम आम लोगों के लिए खुला है। वहां जाकर आप ध्यान, भक्ति और सत्संग का अनुभव कर सकते हैं।
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जय गुरु देव। 🙏